Thursday 8 July, 2010

मोहन मेरे मुरली बजाना प्यार से
मोहन मेरे मोहे बुलाना प्यार से
मूँद आँखें कदम्ब के नीचे
मुरली मन्द मन्द बजाना मोहन रे
मोहे बुलाना मोहन रे
टेढ़ी टाँग पे होना खड़े
अपने अंदाज से लूटना दिल रे
पीला पीताम्बर हवा में लहराए
केसू भी उड़ उड़ कपोल चुने आये
मोहन मेरा जब बन्सी बजाये

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