Saturday 12 September, 2009

क्या लिखू मैं तोहे


क्या लिखू मैं तोहे अपने दिल का हाल
तुम तो जानत ही हो सब मेरी युगल सरकार
मम प्राण सखा मम उर में करो निवास
बना लो इस हृदय को अपना निवास स्थान
मम उर भीतर बैठ तुम हृदय सिंघासन पर
मुरली मधुर बजाना मीठी तान मुरलिया की सुनाना
मम प्राण प्यारे कृष्णा मुरलीधर सखा हमारे
तुम इसमें नाच नाच कर पायल के गीत सुनाना
तुम्हारी छम छम बजती पायलों की तान सुनाना
मोहन मधुसुदन मदनगोपाल मुरारी आ जाना

Thursday 10 September, 2009

आ जाओ घनशयाम


दो कर जोड़ करूं विनय मै बारम्बार
आ जाओ घनश्याम आ जाओ घनश्याम
सुन लो टेर हमारी,
करती हैं दासी विनय तुम्हारी
कर लो हमसे भी ,बातें दो चार
आ जाओ घनश्याम आ जाओ घनश्याम
मुरली में भर कर अधरामृत
सुना दो कोई रसीली तान
करती हूँ विनय मैं बारम्बार
आ जाओ घनश्याम आया जाओ घनश्याम
भूल हुई गर हमसे कुछ
तो कर दो क्षमा मेरे नाथ
आ जाओ घनश्याम आ जाओ घनश्याम

Wednesday 9 September, 2009

पधारो गिरधारी



न तरसाओ प्यारे न इतना तड़पाओ
क्यों चैन करार छीनते हो आ जाओ प्यारे
आ जाओ प्यारे आ जाओ
करनी हैं तुमसे मोहे बस एक ही विनय पुकार
पधारो ओह गिरधारी,श्री राधा संग सरकार
पधारो कृष्णा मुरार ले कर अपनी बंसुरिया साथ
अपनी बांसुरी की वो रसीली तान सुनाओ न
हमारे मन की कसक जो हैं उसे भी पूरा कर जाओ न
हे श्री राधा के प्राण
अपनी भीनी भीनी मुस्कनिया से मस्त हमे बनाओ
अपनी मोहिनी अदा से घायलों को घायल कर जाओ न
यह घायल तेरे कुञ्ज बिहारी
तरसते हैं तेरी ही दवा को गिरधारी
इनको तो तेरा नोन लगाना भी सुहाता हैं
तेरी एक ही नजर इनका हृदय छल्ली कर जाता हैं

Tuesday 8 September, 2009

श्याम मनहर बैठे छिप के कहा?



श्याम मनहर कहा जा छिपे हो?
ढूँढू मैं तुम्हे यहा वहा,तू ही बता कहा?
गलियों में ढूँढू या बाजारों में
कहा गुम हो गया तू श्याम हमारो रे?
ढूँढू तुम्हे वृन्दावन धाम में या नंदग्राम में
गोकुल में ढूंदु या बरसानो में
ब्रिज की गलियों में ढूंदु या वन में
तू ही बता रे मेरे श्याम
ढूँढू कहा तोहे किस देश किस ग्राम में?
मथुरा में ढूँढू तोहे या द्वारिका धाम में
श्याम मनहर कहा जा छिपे हो ?
मैं तो ढूँढू तोहे श्याम हमारे
अपने ही मन के वृन्दावन में
रास रचाऊँ तो संग अपने मन के मधुबन में
दिल के बरसाना में रहता इंतज़ार
इसकी कोर संखरी में तेरी दासी करें तेरा इंतज़ार
ढूँढू में तोहे अपने दिल की द्वारिका में
बेठी करू इंतज़ार में इस तन के गोकुल धाम
श्याम मनहर कहा जा छिपे हो?
ढूँढू मैं तुम्हे यहा वहा तू ही बता कहा?

Monday 7 September, 2009

श्याम प्यारे प्यारे



भक्तो के काज सँवारें मेरे श्याम प्यारे प्यारे
करने को दूर उनकी चिन्ता
आ जाते किसी भी रूप में श्याम प्यारे प्यारे
मुझको भी तो दरस दिखा
मुझ बाँवरी पे भी कुछ तरस खा
आ जा श्याम प्यारे प्यारे
अपनी प्यारी चितवन से चित चुरा श्याम हमारे
अपनी मुसकन से मन में समा श्याम प्यारे प्यारे
अपने कारे कजरारे नैनो से दीवाना बना श्याम प्यारे प्यारे

Sunday 6 September, 2009

आजा ओह काली कमली वाले



मोहन! मोहिनी अदा वाले
नटखट!निराली शान वाले
रसिया! रसीले नैनो वाले
मुरलिया वाले,घनश्याम प्यारे
तू एक बार अपने दरस तो मोहे करा दे
सब काज तू किये जाता हैं
अपने भकतो का मान बढाता हैं
मोहन मुरारी मुरली सुना जा
अपनी मुरली पे सजी फिर वो तान सुना जा
मेरे माधव,गिरधर गोपाल हमारे
नीलमणि,कमलनयन,मोर मुकुट वाले
अब तो आ जा,नयना कब से राह निहारे
रोम रोम हैं तुम्हे पुकारें
आजा ओह काली कमली वाले

Saturday 5 September, 2009

सखा कृष्ण



धन्य हुए भाग्य हमारे
जो कृष्णा बने हैं सखा हमारे
बन सखा वो मुझसे बतियाते हैं
कभी मुस्काते तो कभी रूठ जाते हैं
कभी रूठने पे हमारे वो हमे मनाते हैं
सब काज वो खुद करते जाते हैं
और नाम दूसरो का करवाते हैं
धन्य हुए भाग्य हमारे
जो कृष्णा भये सखा हमारे

साँवरिया आ जाओ


साँवरिया आ जाओ न तुम अब देर लगाओ
मुरली की मुरारी कोई मदभरी तान सुनाओ
नयनो से अपने नवनागर बाण चलाओ
तुम्हें समर्पित इस हृदय में आकर बस जाओ
साँवरिया आ जाओ न तुम अब देर लगाओ
मोहिनी मुस्कान वाले मनहर मेरा मन हर ले जाओ
अपनी लीला लीलाधर फिर दिखाने आ जाओ
माखन आकर माखनचोर चुराओ
तुम बिन ना माखन में रही कोई मीठास हैं
माखन से भी कोमल मेरा श्याम हैं
माखन मिसरी का आकर भोग लगाओ
ऐ श्याम मोहे अपनी दीवानी बनाओ
साँवरिया आ जाओ ना तुम अब देर लगाओ

Friday 4 September, 2009

मोहन!



मोहन संकट में हैं यह पृथ्वी तुम्हारी
आके संकट उभारो संकटहारी मेरे बाँकेबिहारी
मेरे बाँकेबिहारी सुन लीजे टेर हमारी
आके फिर से महका दो हर सूनी डाली
तेरे दर्शन को बेकरार हैं आँखें हमारी
इन आँखों का पर्दा हटाओ मोहन
या खुद बेपर्दा हो जाओ मोहन
मोहे अपने दरस दिखाओ मोहन
इस दुनिया से दूर कही
अपने संग ले जाओ मोहन
आ जाओ मोहन

Thursday 3 September, 2009

श्याम के नयना कारे कारे



श्याम के नयना कारे कारे
देखना ना कही सखियों इनमे
डूब जाओगे सारे के सारे
मेरे श्याम के नयना कारे कारे
कारे नयनो से यह जादू डारे
जादूभरे नयना मतवारे
कारे नयना मस्त बनावे
श्याम नाम की मस्ती छावे
मेरे श्याम के नयना कारे कारे
इन नयनो में जादू भरा हैं
करें इनसे वार श्याम हमारे
मेरे श्याम के नयना कारे कारे
प्रेम के अथाह समुन्द्र हैं यह
हैं बडे प्यारे प्यारे
मेरे श्याम के नयना कारे कारे

Wednesday 2 September, 2009

मोहन के चरण



तेरे चरणों की क्या तारीफ करूं
तारीफ तो तुझसे हैं मनमोहन
तेरे चरणों में पड़ी पायलिया
सुरीले राग सुनती हैं
छन छन,छन छन करके
अपने भाग्य पे इतराती हैं
तेरी पायल का हर इक घुंगरू
राधा नाम ही गाता हैं
गाता हैं इतराता हैं
तेरे चरणों से लिपट लिपट जाता हैं
तेरे चरणों पे लगा धूल का कण भी
हाय देखो कैसे शर्माता हैं
मोहन के चरणों से लिपट कर
मोहनमय होता जाता हैं
इस दासी को भी अपनाओ
मोहन हाय हमको अपनाओ
चरण कमलो से अपने मोहन
इस कमली को भी लगाओ

Tuesday 1 September, 2009

मोहन की नजरें



मोहन की नजरो ने लूटा हमे
दिल भी लूटा चैन भी लूटा
छीना हैं करार हमारा
करते हैं वार वो नजरो से
चुरा लेते हैं वो चित हमारा
घनश्याम घायल करते हैं दिल हमारा
हम रोये तब भी लोग पूछते हैं
क्या हुआ?कैसा हैं घनश्याम तुम्हारा
काहे को रोते हो?
क्या हैं यह सब माजरा तुम्हारा