Monday 5 July, 2010
हे मुरलीमनोहर, हे मेरे बाँके बिहारी
मेरी इतनी सी विनती करो स्वीकार
मुझे चरणों में शरण दो मेरी सरकार
मैं आई हू कान्हा तेरे द्वार
मैं आई हू कान्हा तेरे द्वार
मुझे अपनी शरण में लो सरकार
इस दो रंगी दुनिया में न चाहती हू अब रहना
मेरी दुविधा हटाओ हे कान्हा कृपा कर
कोई तो रास्ता दिखाओ
मुझे कृपा कर अपनी शरण में ले जाओ
कृपा करो कान्हा कृपा करो
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