दोगे दर्शन कब मोरे श्याम
प्यासी अखिया कब से नाथ
कब से तोहे मैं पुकारू
कब से तके नयन राह तुम्हारी
विनती करूं मैं आजा मेरे प्यारे
आजा अपने दरस दिखा दे
मुरली की वो प्यारी तान सुना दे
मोरो जैसा जो किया नृत्य था तूने
आज श्याम उसकी तू इक झलक दिखा दे
कब से श्याम श्याम कह में पुकारू
अब तो आजा मेरे श्याम
मेरे श्याम..मेरे श्याम
प्यासी अखिया कब से नाथ
कब से तोहे मैं पुकारू
कब से तके नयन राह तुम्हारी
विनती करूं मैं आजा मेरे प्यारे
आजा अपने दरस दिखा दे
मुरली की वो प्यारी तान सुना दे
मोरो जैसा जो किया नृत्य था तूने
आज श्याम उसकी तू इक झलक दिखा दे
कब से श्याम श्याम कह में पुकारू
अब तो आजा मेरे श्याम
मेरे श्याम..मेरे श्याम