Thursday 8 April, 2010

कान्हा रे ओह कान्हा अब तो आ जा
कब से तेरी राह लगाये,
कब से बाँवरे नयना तुझको बुलाये
अब तो आ जा
मेरा दिल तेरे दर्शनों की हैं आस लगाये
पल पल यह कान्हा तुझको बुलाये
हर पल संग मेरे रहना मेरे कान्हा
बस इसी आस के साथ सर मेरा हर जगह झुक जाए

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