Sunday 25 April, 2010



ऐ श्याम साँवरे, मेरे दिल में बसा हैं तू आन साँवरे ,

दिल में बसकर तू पूछे मुझसे श्याम
क्या हैं दिल में तेरे मुझको बता
हर बात हैं तुझसे ही मेरी शुरू
तू ही हैं मेरी हर बात साँवरे
जरा दर्शन देने आजा मेरे साँवरे
मेरे दिल में बसा हैं तू आन साँवरे
अपने भक्तो से मुझको तूने मिलाया
मेरा जीवन ही तूने धन्य बनाया
मेरे जीवन में लाया अपने नाम का प्यार
मांगू यही मैं तुझसे वरदान
तेरा नाम रहे जीवन में सदा
भूलो ना बिसरू इक पल भी इसे
मेरा जीवन ही बन जाए तेरे नाम का प्यार
दर्शन देने इक बार आ जाओ मेरी सरकार

No comments: