Friday 23 April, 2010



कान्हा रे ओह कान्हा रे
बड़ा तू लागे प्यारा रे
सीस पे सोहे तेरे मोर मुकुट
कानो में झूले कुण्डल प्यारे
केसुओं की लटे उड़ उड़ चूमे गाल तुम्हारे
नयना तेरे मतवारे
तेरे प्यारो के प्राण लिए जाए नयना प्यारे
पग में छम छम नुपुर बाजे
गले वैजन्ती माल साजे
अधरों में छाई मुस्कान तेरे
तेरे भक्तो का हिये लिए जाए
कान्हा रे ओह कान्हा रे बड़ा तू लागे प्यारा रे

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