Tuesday 12 January, 2010
सुन रे ओह श्याम!हां तू ही
सुन रे ओह श्याम!हां तू ही
मुझे तुझी से हैं कुछ काम
जानना हैं तोहे
के क्या हैं मुझे तुझ से काम
तो आना ही पड़ेगा तुझे मेरे पास
या बुलाना पड़ेगा मुझे अपने पास
कोई भी अपनाओ ढंग
करनी ही पड़ेगी तुझे मुझसे
कम से कम एक मुलाकात
देने ही पड़ेगा दर्शन एक बार
फिर ही बताउंगी मैं
के क्या हैं मुझे तुझसे काम
इसलिए जरा भी देर न लगाना
खबर पाते ही यह
मुलाकात का कोई बहाना बनाना
चलो थोड़ी देते हैं हम तुम्हे राहत
जानते हैं के तुझे हैं बहुत से काम
जब लगे के सुन लेनी चाहिए
अब मुझे इसकी भी बात
तो कोई बनाना बात
और करवा देना मेरी तुझसे मुलाकात
समझे या नही समझे ओह श्याम!
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