Thursday 21 January, 2010

ऐ श्याम प्यारे मुझको दरस दिखा दे



ऐ श्याम प्यारे मुझको दरस दिखा दे
कब से दरस को प्यासी अखिया
आकर चैन इन्हें दिला दे
ओह श्याम प्यारे मुझको दरस दिखा दे
नीलमणि तुम,नीलवरण हो
नीली झलक अपनी दिखाना
हमे श्याम अपना पागल कर जाना
मोर मुकुट धारण हो करते
मोरो सा नृत्य रचाते
मोर पंखी में छवि अपनी दिखा जाना
ऐ श्याम प्यारे मुझको दरस दिखा जाना
करू विनती मै तुझसे श्याम!
कभी मेरी गली भी आ जाना

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