Sunday 6 September, 2009
आजा ओह काली कमली वाले
मोहन! मोहिनी अदा वाले
नटखट!निराली शान वाले
रसिया! रसीले नैनो वाले
मुरलिया वाले,घनश्याम प्यारे
तू एक बार अपने दरस तो मोहे करा दे
सब काज तू किये जाता हैं
अपने भकतो का मान बढाता हैं
मोहन मुरारी मुरली सुना जा
अपनी मुरली पे सजी फिर वो तान सुना जा
मेरे माधव,गिरधर गोपाल हमारे
नीलमणि,कमलनयन,मोर मुकुट वाले
अब तो आ जा,नयना कब से राह निहारे
रोम रोम हैं तुम्हे पुकारें
आजा ओह काली कमली वाले
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment