Tuesday 8 September, 2009

श्याम मनहर बैठे छिप के कहा?



श्याम मनहर कहा जा छिपे हो?
ढूँढू मैं तुम्हे यहा वहा,तू ही बता कहा?
गलियों में ढूँढू या बाजारों में
कहा गुम हो गया तू श्याम हमारो रे?
ढूँढू तुम्हे वृन्दावन धाम में या नंदग्राम में
गोकुल में ढूंदु या बरसानो में
ब्रिज की गलियों में ढूंदु या वन में
तू ही बता रे मेरे श्याम
ढूँढू कहा तोहे किस देश किस ग्राम में?
मथुरा में ढूँढू तोहे या द्वारिका धाम में
श्याम मनहर कहा जा छिपे हो ?
मैं तो ढूँढू तोहे श्याम हमारे
अपने ही मन के वृन्दावन में
रास रचाऊँ तो संग अपने मन के मधुबन में
दिल के बरसाना में रहता इंतज़ार
इसकी कोर संखरी में तेरी दासी करें तेरा इंतज़ार
ढूँढू में तोहे अपने दिल की द्वारिका में
बेठी करू इंतज़ार में इस तन के गोकुल धाम
श्याम मनहर कहा जा छिपे हो?
ढूँढू मैं तुम्हे यहा वहा तू ही बता कहा?

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