Wednesday 2 September, 2009

मोहन के चरण



तेरे चरणों की क्या तारीफ करूं
तारीफ तो तुझसे हैं मनमोहन
तेरे चरणों में पड़ी पायलिया
सुरीले राग सुनती हैं
छन छन,छन छन करके
अपने भाग्य पे इतराती हैं
तेरी पायल का हर इक घुंगरू
राधा नाम ही गाता हैं
गाता हैं इतराता हैं
तेरे चरणों से लिपट लिपट जाता हैं
तेरे चरणों पे लगा धूल का कण भी
हाय देखो कैसे शर्माता हैं
मोहन के चरणों से लिपट कर
मोहनमय होता जाता हैं
इस दासी को भी अपनाओ
मोहन हाय हमको अपनाओ
चरण कमलो से अपने मोहन
इस कमली को भी लगाओ

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