Saturday 12 September, 2009

क्या लिखू मैं तोहे


क्या लिखू मैं तोहे अपने दिल का हाल
तुम तो जानत ही हो सब मेरी युगल सरकार
मम प्राण सखा मम उर में करो निवास
बना लो इस हृदय को अपना निवास स्थान
मम उर भीतर बैठ तुम हृदय सिंघासन पर
मुरली मधुर बजाना मीठी तान मुरलिया की सुनाना
मम प्राण प्यारे कृष्णा मुरलीधर सखा हमारे
तुम इसमें नाच नाच कर पायल के गीत सुनाना
तुम्हारी छम छम बजती पायलों की तान सुनाना
मोहन मधुसुदन मदनगोपाल मुरारी आ जाना

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