Thursday 3 December, 2009
मेरे माधव
मेरे माधव आ जा ना
दो बूँद प्रेम समुन्द्र की पिला जा ना
मुझ दासी को चरणों से अपने लगा जा ना
तेरे बिन हिये लगता नही
तेरे बिन कोई बात मेरी होती नही
मुझे अपनी ही रजा से तू
अपने दरस दिखा जा ना
तरस गयी हैं आँखें दीदार को ओह प्यारे
यमुना तट पे आके बांसुरी की तान सुना जा ना
साँवरे गिरधर मेरे आ जा ना
माना के मैं अधम पापी गुनाहगार हु
तेरे दर्शन के लायक भी ना हु
पर फिर भी मन में लगाये एक आस हु
उस आस पे जमाये पूरा विश्वास हु
हैं भरोसा पूरा मोहे तुझ पे ओह स्याम
के इक रोज़ तू दीदार अपना करवाएगा
रुख से परदे तू सारे हटाएगा
मेरे भाग्य चमकाएगा
श्याम मेरा मोहे अपनी प्रेमा भक्ति दे जाएगा
मोहे अपने संग ही ले जाएगा
मेरा श्याम आएगा मेरा श्याम आएगा
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