Tuesday 22 December, 2009

मुझे मुझ से बेहतर



मुझे मुझ से बेहतर तू जानता हैं श्याम
मुझे तेरे सिवा न किसी से कोई काम
इक बार जो तू आ जाये
हाय श्याम तू अपने दरस दिखा जाए
तो सब बातें बन जायेंगी
वरना तो यह दिल यु ही
तेरी यादो में ही भरता जाएगा
तेरे आने से ही बनेगी बात कुछ श्याम
तो आ जईयो न श्याम
मोहे दरस अपने दिखा जईयो न श्याम
मगर हा आकर जाने की
तुम करना न मुझसे बात
कुछ ऐसा चक्कर चलाओ श्याम
इक पल भी रहू न तोसे दूर
तू रहे हरदम इन आँखों में समाया
रोम रोम गाता रहे बीएस तेरा ही नाम
चलाओ कुछ ऐसा चक्कर श्याम

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