Tuesday 15 December, 2009
कहा मैं ढूँढू
कहा मैं ढूँढू तुझको
ओह घट घट के वासी श्याम
जिस और मैं निहारु तुझको
नजारा तेरा ही पाउ मै श्याम
आसमाँ का रंग भी नीला
मेरा श्याम भी छैल छबीला
हाय!मोहन तू भी तो हैं नीला
आसमाँ का रंग भी हैं नीला
नीली आभा तेरी लागे प्यारी
तूने मुरली से सजाई ऋतुएं सारी
आसमाँ मै बिजुरी का यू चमकना
ऐसा लागे मानो कान्हा तेरा हँसना
तू देगा कब अपने दर्शन
राह ताकू मैं ओह मेरे नटवर
रहता हैं तू छिपा मेरे सामने
अब तो आजा दे दे दर्शन ओह साँवरे
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