Saturday 26 December, 2009

साँझ सवेरे मैं श्याम ही श्याम पुकारू



साँझ सवेरे मैं श्याम ही श्याम पुकारू
आँखों से मैं नित्य तेरी याद में
अश्रु बिन्दु छलकाउ
हर दम गाती रहू में तेरा ही नाम
तेरे सिवा कुछ और आये ना मोहे ध्यान
कर दो कृपा ऐसी मेरे श्याम
तुम्हारे चरण कमलो की धूल
उड़ मुझ से लिपट जाए
मुझे तेरे चरण कमलो का प्यारा एहसास करवाए
तुझ बिन ना आये मोहे एक भी साँस
मुझे श्याम करवा दे अपने दीदार

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