Saturday 5 December, 2009

तेरे रूप में ऐसा जादू हैं



तेरे रूप में ऐसा जादू हैं

तुझे निहारूं हर वकत

मन मेरा बेकाबू हैं

तेरी आँखों में

खुद को समाए जाती हूँ

अपनी सारी दुनिया तुझी में

बसाये जाती हूँ

तेरे होंठों की मुस्कराहट

को बस! निहारे जाती हूँ

तेरे इस श्रृंगार को बस!

मन में बसाये जाती हूँ

तेरा यह रूप जो अब

मेरी आँखों में समाया हैं

अब पलकें कैसे झुकाऊ

अब तू जो इन नैनन में

मनबसिया आन समाया हैं

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