नभ में देखो काले काले मेघा छा रहे
उमड़ घुमड़ कर बादल बरसने को आ रहे
घनश्याम तुम इन घनो में
घनघोर घटाओं जैसे हो छा रहे
बादल भी बरसे और पड़ी बौछार
इस सुहाने मौसम में तुम मोहन
दर्शन देने आ जाओ ना
लेकर संग राधा जू को मेरी सरकार
तुम्हारे दर्शनों को बाँवरे नयना कब से तरस रहे
मैं कर रही तुमसे पुकार
प्रेम भक्ति देना मेरे मोहन मेरी सरकार
उमड़ घुमड़ कर बादल बरसने को आ रहे
घनश्याम तुम इन घनो में
घनघोर घटाओं जैसे हो छा रहे
बादल भी बरसे और पड़ी बौछार
इस सुहाने मौसम में तुम मोहन
दर्शन देने आ जाओ ना
लेकर संग राधा जू को मेरी सरकार
तुम्हारे दर्शनों को बाँवरे नयना कब से तरस रहे
मैं कर रही तुमसे पुकार
प्रेम भक्ति देना मेरे मोहन मेरी सरकार
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