तुम करुना के सागर
तुम प्रेम अवतार हो
मुझे दो इतना वरदान
चरणों में तिहारे म्हारा प्रेम प्रगाड़ हो
तुम नीलमणि, तुम कुंजबिहारी
तुम्ही बाँके मेरे घनशयाम हो
तुम्ही इस जग के पालनहार
तुम्ही तारनहार हो
मुझे दो इतना वरदान
रटती रहू हर पल बस तेरा नाम
चरणों में तेरे मेरा ध्यान हो
तुम मायापति, तुम्ही रासबिहारी
करुना कर इस जग माया से मुझे बचाओ
हे नाथ अपने नाम का जाम मोहे पिलाओ
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