Wednesday 3 March, 2010


मेरे मोहन मेरी करुणामयी सरकार
निशदिन धयाऊ तुझको,गाऊ मै हरदम तेरा गुणगान
हर समय रहे मेरे मन में बस युगल छवि का ध्यान
करू विनती मैं तुझसे कृष्णप्राणाधिक प्रिये करुणामयी सरकार
करो कृपा की ओट वृषभानु लली
दे दो युगल छवि का दर्शन साकार
हे कृष्णप्रिया, मधुरभाशिनी, भानु नंदिनी मेरी सरकार
विनती यही करू में आप सो बारम्बार
कान्हा संग आन दर्शन दो मेरी राधे अलबेली सरकार

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