हे करुना के सागर,करुना मुझपे भी कीजे
अपनी इस दासी को चरणों में रख लीजे
हर पल चरणों से थारे लिपटी रहू
नित्य थारे चरण पखारा करू
थारे संग संग छम छम बाजू
अपने भाग्य पर झूमु गाऊ
हर क्षण चूमू चरण तिहारे
हर पल रहूँ संग चरणों के थारे
थारे ही गुण गाया करू
अपनी इस दासी को चरणों में रख लीजे
हर पल चरणों से थारे लिपटी रहू
नित्य थारे चरण पखारा करू
थारे संग संग छम छम बाजू
अपने भाग्य पर झूमु गाऊ
हर क्षण चूमू चरण तिहारे
हर पल रहूँ संग चरणों के थारे
थारे ही गुण गाया करू
No comments:
Post a Comment