Saturday 27 February, 2010


सुन रे ओह श्याम आ जाना मोसे खेलन फाग
खेलेंगे दोनों मिलके खूब होरी
करूंगी प्रेम पुष्प बरसात तोपे जाउंगी बलिहारी
तुम रंगना मोको अपने रंग में इस कदर
के दूजा कोई रंग चढ़ न पाए
करें चाहे कोई लाख यतन
श्याम रंग में ही मन रंग जाए
तुम भिगोना मुझे अपनी प्रेम पिचकारी से
रंग जाना अपने नाम की मस्ती में श्याम
होरी का हैं त्यौहार मनाना मो संग श्याम
आना श्याम कर रही हु तेरा इंतज़ार
आना श्याम मोहे अपने रंग में रंग जाना श्याम

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