Wednesday 8 April, 2009

ऐ श्याम


ऐ श्याम जरा सुन ले मेरी पुकार
आजा तो एक बार
तोहे माखन मिसरी खिलानी हैं
तो से दधि माखन की
मटकी तुड़वानी हैं
तो संग खेल खेलना हैं
प्रियेवर उस खेल में हार
तेरे प्यारे मुख मंडल की
प्यारी प्यारी मुस्कनिया निहारनी हैं
आजा तो श्याम एक बार
तोसे तेरी प्यारी मुरली
की धुन सुननी हैं
उस धुन पे हो मस्त
खोना हैं मुझे सर्वस्व
आजा तो श्याम एक बार
मैया से जा शिकायत लगानी हैं
तुझे मैया से डांट खिलवानी हैं
तो संग बिताना हैं हर पल
रहना हैं मुझे हर पल तेरे संग
ऐ श्याम जरा सुन ले मेरी पुकार
आजा तो एक बार

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