Saturday 11 April, 2009

आ जाओ श्याम


कनु जल्दी से आ जा
मुझे अपने संग ले जा
अब तो दिल लगता नहीं यहा
ढूँढती फिर रही हु
तुम्हे यहा वहा हर जगह
कृष्णा तू आ जा
प्यारे नीलमणि करुनासिंधु
करुना अपनी बरसा
कृपा कर मुझे अपनी शरण में ले जा
कान्हा आ जा
मेरे प्रियतम श्याम सुंदर
मेरे असुअन की सुन ले करुण पुकार
आ जा श्याम सुंदर
ब्रज के नन्द कुमार
मैं खड़ी कर रही तेरा इंतज़ार
आ जा मेरे श्याम
मेरे आंसू तोहे पुकार रहे
तोहे मिलने को शटपटा रहे
करुणामयी सरकार तोहे पुकार रहे
आ जाओ मेरे श्याम आ जाओ

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