Tuesday 21 April, 2009

श्याम बादलो से घनशयाम आ जाए रे


ऐसे मौसम में आन मिलो घनशयाम
आन मिलो आन मिलो आन मिलो मेरे श्याम
ऐसे मौसम में आन मिलो घनशयाम
श्याम बादलो से श्याम आ जाए
बरसती हुई बूंदों से प्रेम रस बरसाए
हाय!श्याम बादलो से श्याम आ जाए
श्याम घन से घनशयाम आ जाए
हाय रे श्याम आ जाए
देखू जिधर भी उधर श्याम नजर आये
श्याम आ जाए रे श्याम आ जाए श्याम आ जाए
देखो मुरली मधुर बजाये रे
मुरली बजाके मोहे वृन्दावन बुलाए रे
श्याम आ जाए रे श्याम आ जाए रे
श्याम बादलो से घनशयाम आ जाए रे
माथे पे तिलक अहा!
माथे पे तिलक चाँद का लगाये रे
श्याम आ जाए रे श्याम आ जाए रे
हर अंग में सूर्य का तेज भरा
सूर्य तेज तेरे अंगो से चुराए रे
तेरे अंगो से चाँद चांदनी पाए रे
हाय रे श्याम आ जाए रे श्याम आ जाए
मोहे अपना बनाये रे श्याम आ जाए रे

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