Thursday 30 April, 2009

हे कृष्ण मुरार


हे कृष्णा मुरार,ग्वाल बालो के सखा
मेरे नटवर नागर मदन गोपाल
यूँ इतना तो ना तरसाओ
इन आँखों से भी
अपनी याद में दो बूँद आंसू गिरवाओ
हम तड़प रहे हैं बिलख रहे हैं
के इन आँखों से भी
तुम्हारी याद में दो आंसू गिर जाए
मगर यह पागल मन छटपटा रहा हैं
तोसे मिलने की आस लगा रहा हैं
ओह मेरे पिया श्याम बनवारी
आ जाओ ना कर के कोई बहाना गिरधारी
मन व्याकुल हो रहा हैं और हो रहा अधीर भी
कैसे तुझे अपना हाल बताऊ
कैसे तुझे इस दिल की स्थिति बतलाऊ
बस श्याम पिया आ जाओ
अब ना देर लगाओ
आ जाओ

No comments: