Monday 19 October, 2009

ऐ श्याम



कौन दिवस?कौन पल हैं होगा?
जिस दिन दर्शन तुमरा होगा
ऐ श्याम प्यारे अखिया प्यासी
राह तक तक हारी
आओगे कब हमरे प्रभु
नागर नंदा बांके बिहारी
ओह मेरे श्याम मुरारी,दीनन हितकारी
अब तो आओ गिरधारी ,
तनिक भी देर न लगाओ
मनवा हैं बैचैन
,का करें अगर आवे न तुम बिन चैन
तुम बिन लगे न चित कहीं और
यह दुनिया के सब बंधन
न लगते हैं अचछे अब और
कुछ तो करो?आ जाओ मोहन

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