Monday 12 October, 2009
एक आस
ऐ श्याम प्यारे,मधुसूदन नंदनंदन हमारे
कब आओगे? एक आस तो बंधा दे
नैन रस धारा कब तक बरसेगी
ऐ मोहन तू इतना तो बतला दे
कब होंगे दर्शन तेरे
कब सुनूंगी मै मुरली की वो तान
कुछ तो बतला दे
ऐ श्याम प्यारे एक आस तो बंधा दे
माना के हुई गलती मोसे मोहन
अब क्षमा कर मोहे अपना ले
ऐ श्यामसुंदर प्यारे प्रीतम
फिर वो नैनों का जादू दिखा दे
अपनी पायलों की झंकार सुना दे
ऐ श्यामसुंदर,मधुसूदन नंदनंदन हमारे
दर्शन की इक आस तो बंधा दे
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