Tuesday 27 October, 2009

चाहते हैं सब तेरा दीदार



चाहते हैं सब तेरा दीदार
आओ न मोहन एक बार
एक बार तो गले से लगाओ
ऐ श्याम रे मोहे तुम अपनी
गईया बनाओ
श्यामसुंदर अब आओ
अब न हमे तुम सताओ
प्राण प्रीतम घास का एक तिनका बनाओ
और कृपा कर उसे
काली कमली में छिपाओ
ऐ श्याम सुन्दर कोई यतन कर
मोहे तुम अपने दरस दिखाओ
मोहे अपने प्रेम समुन्द्र
की एक बूँद पिलाओ
श्याम आओ

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