Friday 13 November, 2009

ऐ श्याम पुकारू



ऐ श्याम पुकारू तोहे बारम्बार
आजा श्याम आजा श्याम
दे जा मोहे तू अपना दीदार
अपने ही रंग में तू मोहे रंग दे
दीवानी अपनी मोहे बना जा
मेरी आँखों में तू अपना
प्रेम समुन्द्र का जल छिड़का जा
मेरे हृदय सिंघासन पे आ
मोहे श्याम खुद बी खुद अपनी बना
मैं न जानू कुछ भी
ज्ञान भक्ति वैराग्य कुछ भी न जानू श्याम
जानू तो बस तेरा इक नाम जानू
बस इतना ही जानू
के तू हैं मेरा सचा सहारा
तू ही मेरा यार तू ही दिलदार
तू ही तो हैं मेरा प्रीतम प्यारा
आजा न श्याम आजा

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