Sunday 22 November, 2009

कैसे तुझे मैं बताऊ



ऐ श्याम कैसे तुझे मैं बताऊ
के किस कदर तेरी याद सताती हैं
जिस और भी जाऊ
कहीं भी जाऊ,कुछ भी करू
तेरी बात साथ साथ ही आती हैं
कैसे तुम्हे बताऊ मैं श्याम
के किस कदर तुम्हारी यह याद हमे सताती हैं

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