Wednesday 18 November, 2009
कुँवर कृष्ण कन्हाई
हे कुँवर कृष्णा कछु कृपा कीजे
प्रेम धन हमको भी दे दीजे
कछु कृपा कीजे
टेडी चितवन से इक बार
हमको भी देख लीजे
हाय श्याम घायल हमको ही कीजे
कछु कृपा कीजे
थारी दीवानी,फिरू मस्तानी
ढूँढू तोहे पाऊ तोहे
बनके तेरी दीवानी
हे कुँवर कृष्ण कन्हाई
मैं तो लुट गयी तुझ पे
यूँ ही बैठी बिठाई
यह हाल हैं मेरा तब
के जब उन्होने पर्दा अभी
जरा भी सरकाया ही नही
गर गिर जाए वो पर्दा तो....
ऐ श्याम सुन्दर अब तो
कछु कृपा कीजे
प्रेम धन हमको दे दीजे
आपकी दरस प्यास और तेज कर दीजे
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