Friday 12 February, 2010

कैसे मैं तुझे रिझाऊ? कैसे मैं तुझे मनाऊ?
तू ही बोल कैसे तुझे मैं कान्हा कैसे रिझाऊ
अजीब उलझन में डाल देते हो
सामने रहकर छुपे बैठे रहते हो
करती हु कितनी ही तुमसे पुकार
छोड़ो गुस्सा कर दो हमे तुम माफ़
पर जाने क्यों सुनते नही तुम मेरी यह बात
आते तो हो सामने पर छिप क रहते हो बैठे
तुम्ही बताओ? करू कैसे मैं तेरा दीदार
चलो धुन बंसी की सुना दो इक बार
अपना दीवाना बना लो इक बार
पागल बनाओ चाहे बनाओ दीवाना
जो भी बनाओ अपना बनाओ हमे मेरी सरकार
बोल कैसे मैं तुझे रिझाऊ ?

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