कल रात श्याम तू सपने में मेरे आया था
बड़ी हँस हँस कर तू कर रहा था मुझसे बात
तेरी बातो ने मेरा मन हर्षाया था
लबो पे खिल गयी थी मुस्कान भी
पर आँख खुलते ही नजाने कहा तू भाग गया
जाने कहा चिप बैठा तू मेरी सरकार
क्यों तू इतना तरसाता रहता हैं?
तेरे दर्शनों को व्याकुल नैनों को
क्यों तू इतना तडपता रहता हैं?
अब फाग पे न करियो जरा भी आनाकानी
मो संग फाग खेलन चले आना
प्रेम पुष्प वर्षा मैं करू तोपे
और तुम देख देख हर्षाना
श्याम चले आना
बड़ी हँस हँस कर तू कर रहा था मुझसे बात
तेरी बातो ने मेरा मन हर्षाया था
लबो पे खिल गयी थी मुस्कान भी
पर आँख खुलते ही नजाने कहा तू भाग गया
जाने कहा चिप बैठा तू मेरी सरकार
क्यों तू इतना तरसाता रहता हैं?
तेरे दर्शनों को व्याकुल नैनों को
क्यों तू इतना तडपता रहता हैं?
अब फाग पे न करियो जरा भी आनाकानी
मो संग फाग खेलन चले आना
प्रेम पुष्प वर्षा मैं करू तोपे
और तुम देख देख हर्षाना
श्याम चले आना
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