Thursday 25 February, 2010


कल रात श्याम तू सपने में मेरे आया था
बड़ी हँस हँस कर तू कर रहा था मुझसे बात
तेरी बातो ने मेरा मन हर्षाया था
लबो पे खिल गयी थी मुस्कान भी
पर आँख खुलते ही नजाने कहा तू भाग गया
जाने कहा चिप बैठा तू मेरी सरकार
क्यों तू इतना तरसाता रहता हैं?
तेरे दर्शनों को व्याकुल नैनों को
क्यों तू इतना तडपता रहता हैं?
अब फाग पे न करियो जरा भी आनाकानी
मो संग फाग खेलन चले आना
प्रेम पुष्प वर्षा मैं करू तोपे
और तुम देख देख हर्षाना
श्याम चले आना

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