ओह मेरे मोहन
तुझसे बहुत सी बातें करने को मन चाहता हैं
तेरे रास मण्डल में शामिल होने को जी चाहता हैं
तेरी सुन प्यारी बंसी की तान
आज फिर थिरकने को जी चाहता हैं
तेरे चरण कमलो में पड़े पुष्पों को छूने का जी चाहता हैं
तेरी प्यारी प्यारी बातो को सुनने को जी चाहता हैं
तेरे संग होरी खेलन का जी चाहता हैं
तुम पे प्रेम पुष्प वर्षा करने को जी चाहता हैं
पर जब सामने तुम आते हो, नजाने क्या हो जाता हैं
जी सब चाहता हैं,पर सब भूल जाता हैं
कुछ भी कहने करने के असमर्थ हो जाती हु
बस तुझसे निगाह न हटे,यही दिल चाहता हैं
तुझसे बहुत सी बातें करने को मन चाहता हैं
तेरे रास मण्डल में शामिल होने को जी चाहता हैं
तेरी सुन प्यारी बंसी की तान
आज फिर थिरकने को जी चाहता हैं
तेरे चरण कमलो में पड़े पुष्पों को छूने का जी चाहता हैं
तेरी प्यारी प्यारी बातो को सुनने को जी चाहता हैं
तेरे संग होरी खेलन का जी चाहता हैं
तुम पे प्रेम पुष्प वर्षा करने को जी चाहता हैं
पर जब सामने तुम आते हो, नजाने क्या हो जाता हैं
जी सब चाहता हैं,पर सब भूल जाता हैं
कुछ भी कहने करने के असमर्थ हो जाती हु
बस तुझसे निगाह न हटे,यही दिल चाहता हैं
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