Wednesday 17 February, 2010



ओह कान्हा मेरे प्यारे मुझको अपना बना ले
चरणों की रज बना ले ,ओह कान्हा दर्शन अपने करा दे
मन मेरा व्याकुल हैं रहता,दिल करता तुमसे पुकार हैं
हटा दो पर्दा तेरे मेरे बीच का,दिखा दो दर्शन अपना घनश्याम रे
अब देरी न लगाना,मेरे नीलमणि,श्याम प्यारे
इन आँखों से जल्दी पर्दा हटाना मेरे प्यारे
अपने प्यारे प्यारे दर्शन करवाना मेरे प्यारे
हर समय खेलते लुका छिपी का खेल हो
इस बार लुक छिप छोड़
मेरी आँखों की पट्टी हटाना मेरे साँवरे
मुझे अपने प्यारे दरस करवाना मेरे साँवरे
संग मुझे अपने गोलोक लेजाना मेरे साँवरे

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