Sunday 2 August, 2009

यार मेरा बाँके बिहारी



ओह! मेरे वृन्दावन बाँके बिहारी दीनन हितकारी
कैसी अजब हैं तेरी यारी
न आये चैन न हो करार
हर समय रहे तेरा ध्यान
तेरी यारी सबसे प्यारी
सारे जग से न्यारी
पद गए तेरी यारी में
तेरी दिलदारी में
दिलदार बाँके बिहारी
यार तेरे बुलाएं तुझको
अपने यारो पे भी कर दो
दया की इक नज़र
अपनी यादो से मन को भर दो मेरे सनम
भीगी पलकों में आकर
बस जाओ इस कदर
के देखे न किसी और को हम
जाए जिस भी दर
वही हो जाए बाँके बिहारी का दर
कैसी अजब हैं तेरी यारी
बुलाएं तुझको तेरे यार बाँकेबिहारी

No comments: