Wednesday 12 August, 2009

हमे अपना बनाओ



ऐ श्यामसुंदर हमे अपना बना लो
हमे वृन्दावन में बुला लो
अपनी प्यारी सी छवि हमे दिखाओ
चाहे फिर हमे तुम कुछ भी बनाओ
अपनी रसीली रसभरी वाणी सुनाओ
ऐ श्यामसुंदर मोहे तुम अपना बनाओ
मुरली की मीठी तान सुनाओ
मुरली की तान सुना कर
मदमस्त हमे बनाओ
हमे कान्हा वृन्दावन की बगिया का फूल बनाओ
कृपा कर उसे चरणों से अपने लगाओ
चाहे तो हमे फूल पे बेठी ओस की बूँद बनाओ
फिर उस फूल को अपने चरणों से लगा
उस बूँद को अपना स्पर्श दिलाओ
उसे अपने में विलीन करो
हमे श्याम अपना बनाओ
हमे श्याम तुम वृन्दावन की धूलि का कण बनाओ
उसे वृन्दावन में उडा कर
अपने चरणों से लगाओ
ऐ श्याम सुन्दर आ जाओ

No comments: