Friday 21 August, 2009

नयना



तुध बिन तरसे यह नयना
बिन बादल बरसों से बरसे यह नयना
बरसे यह नयना हाय!तरसे यह नयना
सुन लो व्यथा इन नयनन की
लगी हैं आस इन्हे घनश्याम तेरे दरस की
पकड़ हाथ हमारा लो
चाहे जिस भी और हमे ले चलो
ले चलो ले चलो हमे ले चलो
जैसे भी रखो मोहन
बस प्रेम अपना दे दो
मन की आँखों से इक पल भी
ओझल न होना ओह मेरे श्याम
मेरे दिल समाये रहना
सदा सदा मेरे दिलदार
मेरे घनश्याम! मेरे दिल में समाये रहना

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