Sunday 16 August, 2009
मेरे बाँके बिहारी
मेरे बाँके बिहारी
मेरे माधव मदन मुरारी
सुन लीजो टेर हमारी
राह तके अखिया हमारी
रोम रोम को दरस प्यास हैं लागी
कुछ करो इंतजाम अब हमारा
अब हमे एक पल भी बिन तेरे न गवारा
दर्शन दो दिखलाये मोहन
दर्शन दो दिखलाये
अथाह प्रेम समुन्द्र मेरे मोहन
एक ही बूँद पिला जा
हमे अपने प्रेम का रसास्वादन करा जा
मोहन मेरे तू आ जा
काहे इतना तड़पाता हैं
क्यों दरस नहीं दिखाता हैं
भूल हमारी क्षमा करो
मेरे अवगुण चित न धरो
श्याम मोरे दर्शन दो
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