मेरे मोहन का दीवाना हैं संसार सारा
सुर नर मुनि जन ध्यावे इसको
सुनने को तरसे इसकी बाँसुरिया
इसके संग नाचन का पाले ख्वाब
करते हर समय इसका गुणगान
रटे हर समय इसका नाम
पुकारें हर समय तुझे ओह मेरे श्याम
कब आओगे मेरे श्याम
कब इस प्यासी पगली को दरस दिखाओगे
बोलो न कब आओगे?
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