Saturday 22 August, 2009
अखिया
तरस तरस अखिया हैं बरसे
नैनों से छम छ्म असुअन बरसे
गिरधर तेरे दरस को
कर दो इक नजर कृपा की कुञ्ज बिहारी
दर्शन दो मोहे बनवारी
अब तो करो हम पे तरस
अपनी कृपा की कर दो इक नजर
मेरे दर्द की दवा सिर्फ तुम हो मोहन
कुछ तो करो बात
तुम बिन अधूरी हैं हर बात
कर दो दया की नजर नन्दलाल
आ जाओ मोरे गिरधर गोपाल
आवे न कुछ भी मोहे जानू न कोई बात
कर दो रहमत की नजर मोरे गिरधर गोपाल
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