Thursday 4 June, 2009

कृष्ण


मेरे माधव मेरे प्यारे
दीनबन्धु,दीनानाथ हमारे
कृपासिन्धु कृपा कर दर्शन दो प्यारे
दीद को तरसे अखिया प्यासी
दे दो दर्शन ओह मेरे बाँके बिहारी
कब से खड़ी राह निहारु
थक गयी आँखे अब तो प्यारे
चोखट पे आ तेरी तुझ को पुकारू
अब तो आ जा बनवारी
कब से तेरे दीद को चाहू

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