Saturday 20 June, 2009

कोई बंसी की प्यारी तान सुना



मेरे साँवरिया, मेरे प्रियतम, मेरे हमदम
तू चितचोर, माखनचोर, नंदकिशोर
मेरे प्यारे रास रसिया
शेल शबीले कृष्णा कन्हैया
मुरली बजैया साँवरे मनहर
कोई बंसी की प्यारी तान सुना ना
मेरी पायलों को रुनुक झुनुक
अपनी तानो पे नचा ना
मोहे यमुना के तीर बुला ना
अपनी वो प्यारी लीला
फिर से दिखा ना
कभी हाथ पकड़ना
कभी मटकी फोड़ देनी
कभी अपनी मुरली की धुन पे मस्त बनाना
कभी हमे बिन सुर ताल नचाना
फिर सबके बीच पागल कहलवाना
कान्हा मेरे प्रियतम आ जा
आकर मोहे अपना बना जा
मेरे साँवरिया आ जा

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