Friday 26 June, 2009

साँवरिया प्यारा प्रीतम हमारा



साँवरिया प्यारा प्रीतम हमारा
तूने चैन-ओ-करार मेरा छीना
मेरा मुश्किल कर दिया तूने जीना
छिप छिप कर देखे प्यारी निगाहों से
करे कतल हमे अपनी अदाओं से
कभी बंसी बजाये,कभी मोर मुकुट लहराए
कभी करे घायल अपनी मुस्कान से
लट लहराए,तिरछी निगाहों से पिलाये
माथे पे हैं तिलक सुंदर लगाये
मोहन क्या करूं चाँद सितारों आसमान में भी
मुझे तेरा ही अक्स नजर आये
मेरा मन हर पल तुम्हे चाहे
जाने वो पल कब आएगा
जब सुंदर श्याम सलोना मेरा
मेरे सामने साकार आ जाएगा

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