Saturday 13 June, 2009
कृपा की नजर
अगर की कृपा की तूने नजर
तो एक दिन ढूँढ ही लूंगी तुम्हे कान्हा
एक दिन आ जाओगे तुम सामने हमारे
फिर करूंगी जी भर के दीदार तुम्हारे
मगर तेरे दर्शन से दिल क्या कभी भर पायेगा
इसलिए फिर रहना हमेशा समक्ष हमारे
ले जाना कहीं भी अपने संग ओह मेरे प्राण प्यारे
मैं तो तुम्हे देखती ही रहती हूँ
तूने देखा या नहीं यह तुझे हो पता
बस आना तुम दरस प्यारे दिखाना तुम
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment