Friday 12 June, 2009
ओह श्याम
क्या कहूँ ओह श्याम
ख्वाबो ख्यालो में छा जाने वाले
मस्त निगाहों से मस्ताना बनाने वाले
तेरी छवी देख कर लुट गयी दुनिया सारी
तेरी इस छवी पे ओह वृन्दावन बिहारी
यह तेरी माही बलिहारी
अब सुन लो टेर हमारी
दर्शन दीजो ओह बाँके बिहारी
सुन लो करूँ पुकार हमारी
सुना दो बांसुरी की तान मतवाली
कर दो कृपा ओह श्याम
मेरे माधव मेरे मुरारी
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