Wednesday 24 June, 2009

मुरली ने जादू किया



ओह नृत्यराज साँवरिया,मुरली बजैया
तेरी मुरली ने ऐसा जादू किया
बेकाबू हो गया मेरा जिया
तुध बिन प्यासी अखिया छम छम बरसे
रैन दिवस तुम बिन तरसे
सांझ सवेरे तुझको ही ढूँढे
बाट निहारे तुझको ही खोजे
ओह मेरे नृत्यराज साँवरिया
गोविन्द गोपाल मुरली बजैया
आ जाओ श्याम सुंदर मेरे कन्हैया

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