Wednesday 10 June, 2009

दर्शन


निरख निरख छवी तेरी
मैं तो हो गयी बांवरिया
अब तो करादे दर्शन अपने
दीद को तरस रही अखिया प्यासी
प्यासी आँखें प्यासा तन मन
अब तो दरस प्यास बुझा जा
अब तो मोहे अपने दर्शन करा जा
अपने दरस करा
मुझे प्रेम सागर मैं डुबो दे
इस सागर मैं मुझे कहीं छोड़ दे
बना के अपनी माही
मेरे नैनो मैं समा जा
मेरे उर मैं बस
मेरे हृदय सिंघासन पे आ जा
मोहे कृष्णमय बना जा
श्यामसुंदर मेरे आ जा

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